Nidhi Saxena

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भीड़ में भी अकेली



यहाँ सब कुछ है, एक बस तू ही नहीं 
है सब के पालन पर तेरी ही चर्चा ,
बस एक तू ही यहां नहीं।

जैम हाथ में लेकर रमा है ,
लेकिन पीने की हिम्मत नहीं ,
क्योंकि तू यहां नहीं ।।

सब करते है हमसे 
सब पूछते है हाल हमारा
लेकिन हम किसी से नहीं बोलते 
क्योंकि तू साथ नहीं यहां ।।

सोचा था तुम संग बृहत्तर करोगे 
तुम अपनी अदाएं दिखाओगी ,
लेकिन अब तो ये संगीत भी अच्छा नहीं लगता 
क्योंकि यहां तू जो नहीं ।।

बताएं आपको नहीं बताएंगे इस महफिल में 
तो हम भी यूं ना आएं 
यूं ना तुम संग इस महफिल के सपने सजाते
जो आपको बताते हैं।।
जो आपको बताते हैं।।

                  नीर (निधि सक्सैना)


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3 Comments

Sachin dev

15-Dec-2022 05:52 PM

बहुत खूब

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Abhinav ji

15-Dec-2022 09:18 AM

Very nice

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VIJAY POKHARNA "यस"

14-Dec-2022 04:55 PM

अति सुन्दर

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